
इस विधानसभा चुनाव में बीते 10 साल से दिल्ली की सत्ता पर आसीन आम आदमी पार्टी (आप) का किला ढह गया है। 2020 के चुनाव में जहां पार्टी के 62 विधायक थे, अब उनकी संख्या घटकर 22 रह गई। वहीं आठ सीटों पर विपक्ष की भूमिका निभा रही भाजपा को दिल्ली की जनता का खूब आशीर्वाद मिला। वहीं मिल्कीपुर उपचुनाव में भी भाजपा ने जीत हासिल कर फैजाबाद लोकसभा सीट पर हार का बदला ले लिया है। आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और दूसरे नंबर के नेता मनीष सिसोदिया समेत कई दिग्गज चुनाव हार गए हैं। सीएम आतिशी भी बमुश्किल अपनी सीट बचा पाईं। कुछ बेहतर की उम्मीद लगाए बैठी कांग्रेस की फिर दुर्गति हुई है और पार्टी का लगातार तीसरे चुनाव में खाता तक नहीं खुल पाया है।

इसके साथ ही अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उप चुनाव में एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का करिश्मा देखने को मिला। मिल्कीपुर उप चुनाव में सिपहसलारों की मदद से भाजपा को भारी मतों से जिताकर योगी ने कुशल संगठनकर्ता होना साबित किया है।

लगातार तीन बार सरकार बना चुकी आम आदमी पार्टी यहां जीत का चौंका लगाने के इरादे से चुनावी मैदान में उतरी थी, लेकिन भाजपा ने चौंकाते हुए उसे सत्ता में आने से रोक दिया। दिल्ली की 70 सीटों पर 5 फरवरी को मतदान हुआ था। 14 में से 12 एग्जिट पोल्स में भाजपा की सरकार बनाने का अनुमान जताया गया था, जो सही साबित हुआ। भाजपा ने 48 सीटें जीतीं, जो पिछली बार उसकी जीती हुईं सीटों से 40 ज्यादा है। वहीं, आम आदमी पार्टी को 40 सीटों का नुकसान हुआ और वह 22 पर थम गई। जिस पार्टी के लिए नतीजे नहीं बदले, वो है कांग्रेस। दिल्ली के लगातार तीसरे विधानसभा चुनाव में वह खाता नहीं खोल पाई।