
डिजिटल डेस्क, फोर्थ पिलर । केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एआई क्षेत्र में भारत की महत्त्वाकांक्षी योजना का विवरण पेश किया है।अमेरिका और चीन के बाद अब भारत भी खुद का जेनेरेटिव एआई मॉडल बनाने की तैयारी कर रहा है. चैटजीपीटी और डीपसीक की ही तरह भारत भी अपना एआई मॉडल बनाएगा. इसमें 6-8 महीने का समय लग सकता है. केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एआई क्षेत्र में भारत की महत्त्वाकांक्षी योजना का विवरण पेश किया है। उन्होंने बताया कि इंडिया एआई कंप्यूट फैसिलिटी के पास 18,693 जीपीयू हैं जिसकी मदद से एक लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) तैयार किया जाएगा. यह खास तौर पर भारतीय लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय पिछले 18 महीनों से क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ भारत के आधारभूत एआई मॉडल का ढांचा विकसित करने के लिए काम कर रहा है। वैष्णव ने कहा कि यह मॉडल विकसित करते समय देश की सांस्कृतिक बारीकियों, भारतीय नागरिकों के डेटा की सुरक्षा और संरक्षा जैसे पहलुओं का भी ध्यान रखा जाएगा।
एआई क्या होता है – अगर हिंदी की बात करें तो इसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence – AI) कहते हैं. ये एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो मशीनों को सोचने, सीखने और फैसला लेने की क्षमता देती है.

AI कंप्यूटर सिस्टम को डेटा प्रोसेसिंग, पैटर्न पहचान, और फैसला लेने में सक्षम बनाता है, जिससे वे आम आदमी जैसी सोच और प्रतिक्रिया कर सकते हैं.
GPU क्या होता है – GPU (Graphics Processing Unit) एक विशेष प्रकार का प्रोसेसर होता है, जो बड़े पैमाने पर डेटा प्रोसेसिंग और कंप्यूटेशन (computations) को तेज करने में मदद करता है.

AI (Artificial Intelligence) और Machine Learning (ML) में, GPU का यूज तेजी से कैल्युलेशन करने और मॉडल को ट्रेन (Train) करने के लिए किया जाता है. AI में, GPU एक शक्तिशाली इक्विपमेंट होता है जो AI मॉडल को तेजी से ट्रेन करने और बड़े डेटा को प्रोसेस करने में मदद करता है. इसके बिना, Deep Learning और Neural Networks को ट्रेन करना बहुत अधिक समय ले सकता है. इसलिए, आज के AI और मशीन लर्निंग सिस्टम GPU-Accelerated होते हैं ताकि वे अधिक प्रभावी और तेज़ी से काम कर सकें.